Thursday, November 19, 2009

आओ देखें...

आओ देखें क्या होता है,
जब चाँद-सुनहरी रातों में,
कुछ तिनके ले के हाथों में,
बालू की गीली छाती पर,
कुछ हर्फ़ उकेरे जाते हैं,
आओ देखें क्या होता है।
आसमान के कोरे मन पर,
मटमैली सी स्याही ले कर,
आँखें मीचे, बायें हाथ से,
जब चित्र बिखेरे जाते हैं,
आओ देखें क्या होता है।
जब सर आकाश में उड़ते हैं,
पर पाँव ज़मीं पर पड़ते हैं,
आसमान में हाथ उठा,
जब मेघ निचोड़े जाते हैं,
आओ देखें क्या होता है।
जब पत्थर सोचा करते हैं,
जब गूंगे बोलने लगते हैं,
जब भीड़ गवाही देती है,
जब सच बटोरे जाते हैं,
आओ देखें क्या होता है।

4 comments:

  1. nirman ke baad bhi nirmanadheen !!!!!!!!!! Udhaghatan ke liye kiska intejaar hai? kab koi aayega aur laal feete ko kaatega ? Nice post to begin ........ waiting for more ...

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  2. building is building, even after being built.
    thanx.

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  3. maan gaye huzoor....bahut khoob bahut khoob bahut khoob....

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